Yoga for Cardiovascular Health
क्या आपको यह बात पता है की Yoga for Cardiovascular Health योग एक बहुत शांतिपूर्ण और स्वस्थ तरीका है जिससे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने में मदद हो सकती है। कुछ योगासन जो बीपी को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं, वे ये हैं नीचे सम्पूर्ण जानकारी दी ज्ञी है कंप्लीट देखें :
- ताड़ासन (Tadasana): इससे शरीर का सही संरचना बनी रहती है जिससे ब्लड प्रेशर में सुधार हो सकता है।
- वृक्षासन (Vrikshasana): यह आपके बैलेंस और केंद्रीय संतुलन को बढ़ावा देता है और मांसपेशियों को मजबूती प्रदान कर सकता है।
- भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama): इसमें नाक से सांस लेने के बाद श्वास को धीरे से बाहर निकालना होता है, जिससे शांति और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
- उत्तानासन (Uttanasana): यह हमेशा की चिंता को कम करने और दिल को शांति प्रदान करने में मदद कर सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना आसान हो सकता है।
किसी योग प्रशिक्षक से सलाह लेना भी अच्छा हो सकता है, ताकि आप योगासन सही तरीके से कर सकें और सुरक्षित रहें।
हाई ब्लड प्रेशर शरीर में बीमारियों को बढ़ावा देता है। हाई बीपी के कारण हार्ट से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती है। आजकल हाई बीपी का सबसे बड़ा कारण बन गया है स्ट्रेस। जब हमें तनाव होता है, तब हमारा बीपी तेज हो जाता है। हाई बीपी की समस्या से छुटकारा पाने और हार्ट हेल्थ को बनाए रखने के लिए कुछ आसान योग घर पर कर सकते हैं। योग करने से हार्ट हेल्दी रहेगा और ब्लड सर्कुलेशन नॉर्मल रहेगा। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं ऐसे 3 योग के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से बात की।
1. सुखासन- Sukhasana
सुखासन करने से तनाव दूर करने में मदद मिलती है और बीपी कंट्रोल होता है। सांस को रेगुलेट करने के लिए सुखासन एक अच्छा आसन है। इससे मन और तन को शांत रखा जा सकता है
सुखासन (Sukhasana) योग का एक सरल और आरामदायक आसन है जो ध्यान और आत्मा को स्थिर करने में मदद करता है। इसे “सीधी” या “आराम से बैठना” भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें बैठना आसान है और यह आपको सुख और आत्मिक सामर्थ्य प्रदान कर सकता है।
कैसे करें:
- पूर्वोत्तानासन: सीधे मैट पर बैठें और पैरों को आगे की ओर बढ़ाएं।
- स्थान बदलें: पैरों को बाहर की ओर ले जाएं और उन्हें एक आपस में मिलाएं, आपके घुटने सीधे होंगे और पैर की ऊपरी सूची नीचे होगी।
- हस्तमुद्रा: हथेलियां जोड़ें और उन्हें आपकी गोदी पर रखें, अंगुलियों को छूने की बिंदुओं को आपस में मिलाएं।
- सीधे बैठें: सीधे रहें, कंधे और गर्दन को सीधा रखें, और मुख को धीरे से बंद करें।
- सुखी भाव: सुखासन में ध्यान केंद्रित करें, सांसों को धीरे से लें, और मन को शांति में लाएं।
यह आसन ध्यान को बढ़ाने, मानसिक चिंता को कम करने, और शारीरिक सुख को बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह योग आसन अभ्यास का एक आरामदायक रूप है जो अनुकूलता और साधना का अच्छा तरीका हो सकता है।
2. शवासन- Shavasana
- शवासन को करने का तरीका बेहद आसान है।
- इसे करने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
- शवासन (Shavasana) योग का एक प्रमुख आसन है जो आंतरिक शांति और सकारात्मक प्रभाव के लिए जाना जाता है। इसे “मृत्यु आसन” भी कहा जाता है, क्योंकि इस आसन में शारीरिक क्रियाएं बहुत धीरे हो जाती हैं और शारीरिक और मानसिक संबंध को बढ़ावा मिलता है।
- कैसे करें:
- आराम से पैट पर लेट जाएं, पैरों को आसमान की ओर बढ़ाएं, होंठों को हल्का खोलें और हाथेलियों को ऊपर की ओर रखें।
- आँखें बंद करें और धीरे-धीरे श्वास-प्रश्वास का ध्यान लें।
- शारीरिक कसावटों को धीरे से छोड़ें और स्थिति को नेचुरल रूप से रखें।
- मानसिक ध्यान: अपने मन को शांत करने के लिए विभिन्न शरीर के हिस्सों पर ध्यान केंद्रित करें और उन्हें छोड़ें।
- शान्ति: शवासन में कम से कम 5-10 मिनट तक रहें, अपने शरीर को समय दें जो शांति और पुनर्जागरूकता का समय है।
- शवासन मानसिक चिंता को कम करने, स्थैतिक दर्द को दूर करने और सामान्य स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
- दिमाग शांत रहता है और तनाव दूर होता है।
- शवासन को करने से सिर में दर्द और थकान की समस्या भी दूर होती है।
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3. भुजंगासन- Bhujangasana
भुजंगासन (Bhujangasana) एक प्रसारासन (backbend) है जो शीर्षासन योग का हिस्सा है। यह आपकी पीठ को मजबूत बनाने में मदद करता है और स्पाइन को लचीला बनाए रखने में सहायक हो सकता है। इसके लाभों में से एक है कि यह ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित कर सकता है।
भुजंगासन को करने से शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड का फ्लो बेहतर होता है। इससे तनाव भी कम होता है और दिल की सेहत भी अच्छी रहती है। जानते हैं भुजंगासन को करने का सही तरीका
कैसे करें:
- स्थिति: मैट पर पेट के बल लेटें, पैर एक दूसरे से मिले हों, और पैर की उंगलियां बाहर की ओर हों।
- हाथ: होंठों के समीप रखें, हथेलियां मैट पर रखी जाएं और उन्हें कंधों के समीप रखें।
- श्वास: सांस छोड़ें और शारीरिक बल का उपयोग करके पीठ को उठाएं, हेड बैक करें, और नीचे की ओर देखें।
- कंधे: कंधे नीचे ले जाएं और अपने हाथों को सीधे करें, कंधों से दूर नहीं करें।
- ध्यान: आँखें मैट पर टिकी रहें और सांस को धीरे से लेकर छोड़ें।
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